शनिवार, 13 सितंबर 2014

आम, और 'आम '....


गली में चिल्लाया फलवाला..
ले लो आम-ले लो आम, मैंने पूछा - कैसे दाम..? फिर एक आवाज आयी - सत्तर रुपये किलो। मैंने कहा कि भैया मेरे,सत्तर रुपये किलो है जिसका दाम,
उसका नाम भला कैसे "आम"..? यह नाम मुझे नहीं आया रास,
इसे तो होना चाहिए कुछ ख़ास। फल वाला निकला बड़ा बुद्धिमान,
उसने दिखाया मुझे पूरा भारत महान। बड़े प्यार से वह बोला -
बेटा,जिसके पास सब अधिकार हों वह क्या कहलाता है..? मैंने धीरे से मुँह खोला और ठाठ से बोला - राजा। उसने फिर पूछा : तो फिर हमारे यहाँ का राजा कौन..? मैं कुछ क्षण रहा मौन और फिर बोला - आम जनता। उसने फिर दागा एक सवाल : भारत में सबसे ज्यादा किसको चूसा जाता है..? पहले मैं चकराया,फिर होश में आया और बताया -आम जनता को। अब फल वाले ने पहले मुँह, फिर राज खोला : 
आम जनता और आम में है यह एक समानता।
कहलाने को तो दोनों ही राजा हैं,
पर हमारे देश में इन दोनों को ही सबसे ज्यादा चूसा जाता है।
चाहे कितना भी क्यों ना हो दाम,
कहलाएगा यह हमेशा ही "आम"।
फल वाला फिर हुआ शायराना, और बोला -
बेटा,अब तू हुआ सयाना,"आम" के दाम पर कभी मत जाना।
इसको सदियों से चूसा जाता आया है और भविष्य में भी चूसा ही जाएगा। आम के बारे में क्या कुछ और बोल दूँ..? चल छोड़,पर यह बता तेरे लिए कितना तौल दूँ..?

 
- अमन आकाश






कवि का परिचय -

अमन आकाश 
                                         अपनी बातों को बेबाकी से रखने में माहिर 'अमन आकाश' बहुरंगी प्रतिभा के धनी हैं। जो फिलहाल दिल्ली विश्वविद्यालय में हिन्दी पत्रकारिता के द्वितीय वर्ष के छात्र हैं।दिल्ली विश्वविद्यालय के विभिन्न कॉलेजों में आयोजित होने वाले लेखन प्रतियोगिताओं में दिल्ली विश्वविद्यालय ने इन्‍हें इनके विभिन्न रचनाओ के लिये लगभग पाँच बार पुरस्कृत किया है, जिसमे अपनी कविता 'सिसकियां' के लिये श्रेष्ठ कवि के खिताब से नवाज़े गये।दर्जनों कविता,लेख, व्यंग लिख चुके अमन आकाश की रचनाएँ आए दिन अखबारों और पत्रिकाओं में छपती रहती है।हाल में ही इन्हें अपने कॉलेज Sri Guru Nanak Dev Khalsa College (University of Delhi) से प्रकाशित होने वाले अखबार 'खालसा ख़बर' का मुख्य संपादक नियुक्त किया गया। 


 
सम्पर्क-  करोल बाग़, दिल्ली
Mob.- 09135151554 
(मूल निवास- चोरौत, सीतामढी, बिहार )


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