~मोहब्बत का रंग ~
कभी फुरसत से मिलेंगे, तो दिखायेंगे तुझको
के मेरे मोहब्बत का रंग कैसा है
इश्क कैसा है, इश्क का जुनून कैसा है,
कभी फुरसत से मिलेंगे तुझसे तो
खुले आसमान के सितारों से पूछ लेंगे-
मेरे पास वाला चाँद कैसा है...??
यकीं मानो, सारे सितारे कहेंगे
ये चाँद तेरे मोहब्बत के रंग जैसा है
ये चाँद तेरे मोहब्बत के रंग जैसा है....
- चन्द्रकांत कुमार सिंह
कवि के बारे में -
चन्द्रकान्त कुमार सिंह संपर्क- chanrakant1chandel@gmail.c |
अपनी
बेबाक बुलंद आवाज़ व कुशल नेतृत्व के लिए जाने जाने वाले 'चन्द्रकांत सिंह जी' हिंदी
कविता की अच्छी समझ के साथ अपने
विषय अंतरराष्ट्रीय सम्बन्ध व देश-विदेश की राजनीति के बारे में समुचित ज्ञान रखते
हैं । इसी क्रम में ज़नाब भूटान के भारतीय दूतावास में मंच सञ्चालन समेत कई
प्रतिष्ठित मंच से अपनी आवाज़ बुलंद करते रहे हैं, साथ ही देश
के शीर्षस्थ विश्वविद्यालयों में होने वाले अंतरराष्ट्रीय
सम्मेलन में लगातार पेपर प्रस्तुत करते रहते हैं जहाँ इनके आलेख को RASK
(Researchers' Association for the study of Korea) ने अपनी किताब में जगह दिया है वहीं अपनी भाषण कला के लिए
भारत सरकार से प्रोत्साहित 'चन्द्रकान्त सिंह' वर्त्तमान में केंद्रीय
विश्वविद्यालय झारखण्ड से अंतरराष्ट्रीय सम्बन्ध से स्नातकोत्तर के छात्र हैं ।
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